अब चीन नहीं, भारत से मिलेंगे दुनिया को बुलेट ट्रेन के सबसे सस्ते कोच, ये है प्लानिंग – India Meets Japan in Bullet Train Technology
नई दिल्ली: देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलेगी. इसके 2022 तक शुरू होने की संभावना है. जापान इस प्रोजेक्ट की फंडिंग कर रहा है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को पूरा करने की अंतिम समय सीमा दिसंबर 2023 है, लेकिन भारत सरकार इस प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर देश को यह तोहफा दिया जाए. इसी बीच, भारत में भारत ने जापान के सामने बुलेट ट्रेन के कोचों का निर्माण देश में करके उनका निर्यात करने का प्रस्ताव रखा है. भारतीय रेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही.
रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंजन एवं डिब्बे) राजेश अग्रवाल ने कहा, “हमने जापान को प्रस्ताव दिया है कि बुलेट ट्रेन के डिब्बों को स्थानीय स्तर पर तैयार करने के लिए वे हमें टेक्नोलॉजी सहायता उपलब्ध कराएं. एक बार हम यह कर लेंगे तो हम कम लागत पर डिब्बों का निर्माण कर सकते हैं. वे दुनिया में सबसे सस्ते होंगे.”
उन्होंने कहा, “फिर हम उनका निर्माण दुनियाभर के लिए कर सकते हैं. अधिकतर देश फिर चीन के मुकाबले हमसे इसे खरीदेंगे. फिर सिर्फ दक्षिण-पूर्वी देश ही नहीं बल्कि यूरोप और अमेरिका जैसे देश भी इसे हमसे खरीदेंगे.” उन्होंने कहा कि रायबरेली स्थित आधुनिक कोच कारखाना इस तरह के डिब्बों के निर्माण के लिए पूरी तरह तैयार है. अग्रवाल ने बताया कि रेलवे के पास करीब 1,50,000 कुशल श्रमिक, 50 रेलवे वर्कशॉप और छह उत्पादन इकाई हैं.
भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु ने कहा कि शिंकांसेन ट्रेनों के स्थानीय निर्माण को लेकर बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, “इस बारे में बातचीत हो रही है. मेरा मानना है कि इसका स्थानीय स्तर विनिर्माण ही सर्वश्रेष्ठ है और हम इस बारे में गंभीर तौर पर विचार कर रहे हैं.”
खुलेंगे रोजगार के नए अवसर
यदि यह कदम कामयाब होता है तो यह सरकारी संगठनों के लिए कारोबार के नए अवसर खोलेगा. उच्च गति रेल नेटवर्क क्षेत्र में दुनियाभर में बहुत संभावनाएं हैं. अमेरिका, वियतमान, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और इंडोनेशिया में इस दिशा में विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है. अग्रवाल ने कहा कि विचार सिर्फ यह नहीं कि जापान भारत में केवल रेलगाड़ी के रोलिंग स्टाक (इंजन,डिब्बे) का निर्माण करे बल्कि वह अपनी विनिर्माण इकाई का उपयोग रक्षा एवं अन्य क्षेत्रों के लिए निर्माण में भी करे.
भारत में बनने वाले उच्च गति रेल नेटवर्क की लंबाई 508 किलोमीटर होगी. इसमें 12 स्टेशन होंगे. इसका करीब 350 किलोमीटर हिस्सा गुजरात में और 150 किलोमीटर महाराष्ट्र में होगा. हर बुलेट ट्रेन में 10 कोच होंगे जिसमें एक बिजनेस क्लास और नौ सामान्य श्रेणी के होंगे. इस रेल का न्यूनतम किराया 250 रुपये और अधिकतम 3,000 रुपये प्रति व्यक्ति रहने का अनुमान है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम जारी है.
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